आखिर सीरिया में कत्लेआम क्यों मचा है ?? जबकि सीरिया में गरीबी बिलकुल नही है।
मित्रो, सीरिया की जनसंख्या में 80% सुन्नी मुसलमान है और सिर्फ 15% शिया मुसलमान है 5% अन्य जिसमे कुर्द, ईसाई आदि है | सीरिया के शहर दमास्कस, एल्लेपो, खुबानी, होम्स आदि एक जमाने में विश्व के खुबसुरत और समृद्ध शहरों में एक थे ..जो आज एकदम खंडहर में तब्दील हो चुके है असद परिवार करीब ३० सालो से सीरिया पर शासन कर रहा है .. और ये असद परिवार शिया है |
वर्तमान राष्ट्रपति डा.बशर अल असद लन्दन में आई सर्जन थे जो अपने पिता हाफिज अल असद के मृत्यु के बाद सीरिया लौट आये और शुरा के द्वारा राष्ट्रपति चुने गये | असल में सीरिया का बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमान इसे अपना अपमान मानता है की एक अल्पसंख्यक शिया उनके उपर राज करे |जबकि असद परिवार को आज के सीरिया का कुशल शिल्पी माना जाता है .. असद परिवार ने सीरिया में कभी कट्टरपंथी कठमुल्लों को पनपने नही दिया और जितने भी कट्टरपंथी गुट से सबका खात्मा कर दिया .
सीरिया की राजधानी दमिश्क जिसे अंग्रेजी में दमाश्क्स कहते है विश्व के खुबसूरत शहरों में सुमार हो गया था | सीरिया ओलिव ओयल, क्रुड, आदि चीजो का बड़ा उत्पादक बनकर उभरा था | फिर इजिप्त की क्रांति जिसमे लोगो ने होस्नी मुबारक हो सत्ता से बेदखल कर दिया उससे प्रेरणा लेकर सीरिया के कट्टरपंथी सुन्नी मुल्ले एकजुट होकर बशर के खिलाफ विद्रोह कर दिए |
मित्रो, सीरिया की जनसंख्या में 80% सुन्नी मुसलमान है और सिर्फ 15% शिया मुसलमान है 5% अन्य जिसमे कुर्द, ईसाई आदि है | सीरिया के शहर दमास्कस, एल्लेपो, खुबानी, होम्स आदि एक जमाने में विश्व के खुबसुरत और समृद्ध शहरों में एक थे ..जो आज एकदम खंडहर में तब्दील हो चुके है असद परिवार करीब ३० सालो से सीरिया पर शासन कर रहा है .. और ये असद परिवार शिया है |
वर्तमान राष्ट्रपति डा.बशर अल असद लन्दन में आई सर्जन थे जो अपने पिता हाफिज अल असद के मृत्यु के बाद सीरिया लौट आये और शुरा के द्वारा राष्ट्रपति चुने गये | असल में सीरिया का बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमान इसे अपना अपमान मानता है की एक अल्पसंख्यक शिया उनके उपर राज करे |जबकि असद परिवार को आज के सीरिया का कुशल शिल्पी माना जाता है .. असद परिवार ने सीरिया में कभी कट्टरपंथी कठमुल्लों को पनपने नही दिया और जितने भी कट्टरपंथी गुट से सबका खात्मा कर दिया .
सीरिया की राजधानी दमिश्क जिसे अंग्रेजी में दमाश्क्स कहते है विश्व के खुबसूरत शहरों में सुमार हो गया था | सीरिया ओलिव ओयल, क्रुड, आदि चीजो का बड़ा उत्पादक बनकर उभरा था | फिर इजिप्त की क्रांति जिसमे लोगो ने होस्नी मुबारक हो सत्ता से बेदखल कर दिया उससे प्रेरणा लेकर सीरिया के कट्टरपंथी सुन्नी मुल्ले एकजुट होकर बशर के खिलाफ विद्रोह कर दिए |
लेकिन मजे की बात ये की इस लड़ाई में ईरान सीरिया सरकार के साथ है और साथ ही लेबनान का हिज्बुलाह भी दो गुटों में बट गया . हिजबुल्लाह का शिया गुट बशर के साथ है | सीरिया की लड़ाई में अरब देशो के मुसलमानों में शिया सुन्नी को लेकर और ज्यादा कटुता बढने लगी है। और जल्द ही ये लड़ाई पड़ोसी जार्डन को भी अपने चपेट में लेने वाली है सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर मुसलामन किसी देश में शांति से क्यों नही रहते ?? विश्व के हर ऐसे देश में जहाँ दंगे या लड़ाई होती है तो एक पक्ष मुस्लिम ही क्यों होता है ? सीरिया में इन्हें शिया का शासन स्वीकार नही है
भारत में इन्हें हिन्दू का शासन स्वीकार नही है। पाकिस्तान में इन्हें ताकतवर गुट पंजाबी सुन्नी का शासन स्वीकार नही है। म्यांमार में इन्हें बौद्ध का शासन स्वीकार नही हैचेचेन्या और लेबनान, बोस्निया, हर्जेगोविना, सर्विया में इन्हें ईसाई शासन स्वीकार नही है। अफगानिस्तान में इन्हें दुसरे कबीले के मुसलमान का शासन स्वीकार नही हैऔर मजे की बात ये की पुरे विश्व में सबसे खुशहाल और शांति से जिस भी देश में मुसलमान है वहाँ मुसलमान अल्पसंख्यक है... लेकिन जिस देश में ये बहुसंख्यक है उस देश में दुसरे धर्मो के मानने वालो को खत्म कर देते है।
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