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तरबूज की उन्नत खेती कैसे करें | तरबूजा एक कुकरविटेसी परिवार की गर्मियों की सब्जी तथा फल होता है जोकि गर्मी में पैदा किया जाता है । यह फसल उत्तरी भारत के भागों में अधिक पैदा की जाती है । खेती से करोड़पति कैसे बने, पैसे कैसे कमाए

तरबूज के फायदे

तरबूज का गूदा लें और इसे "ब्लैक हैडस" के प्रभावित एरिया पर आहिस्ता-आहिस्ता रगड़ें। १० मिनट उपरांत चेहरे को गुनगुने पानी से साफ कर लें।

अपचन, भूख बढ़ाने तथा खून की कमी में यह प्रयोग काम में लाएँ। एक बड़े तरबूज में थोड़ा-सा छेद करके २०० ग्राम चीनी भर दें। ४-५ दिन तक उस तरबूज को दिन में धूप में तथा रात में चन्द्रमा की रोशनी में रखें। उसके बाद अंदर से पानी निचोड़ लें और छानकर काँच की साफ बोतल में  भर लें। यह तरल पदार्थ चौथाई कप की मात्रा में दिन में दो से तीन मर्तबा पीने से उपरोक्त तकलीफों में अत्यंत लाभ होता है। 

पागलपन, दिमागी गर्मी, हिस्टीरिया, अनिद्रा रोगों में तरबूज का गूदा ४० मिनट के लिए सिर पर रखना फायदेमंद होता है।

तरबूज में विटामिन ए, बी, सी तथा लौहा भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे रक्त सुर्ख व शुद्ध होता है।

सूखी खाँसी में तरबूज खाने से खाँसी का बार-बार चलना बंद होता है।

तपती गर्मी में जब सिरदर्द होने लगे तो तरबूज के आधा गिलास रस को मिश्री मिलाकर पीना चाहिए।

मोटापा कम करने वालों के लिए यह उत्तम आहार है। पेट का मोटापा कम करने के उपाय, एक्सरसाइज, घरेलू नुस्खे, व्यायाम | पेट कम करने के योगासन

खाना खाने के उपरांत तरबूज का रस पीने से भोजन शीघ्र पच जाता है। इससे नींद भी अच्छी आती है। इसके रस से लू लगने का अंदेशा भी नहीं रहता।

जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है, उनके लिए तरबूज का सेवन करना अच्छा रहता है, क्योंकि इसके खाने से आँतों को एक प्रकार की चिकनाई मिलती है।

तरबूज खाने के नुकसान

हॉर्ट की प्रॉब्लम से घिरे लोगों को तरबूज का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तरबूज में भारी मात्रा में पोटेशियम होता है। डॉक्टर सैनी का कहना है कि हॉर्ट की प्रॉब्लम से घिरे लोगों को तरबूज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे हॉर्ट की प्रॉब्लम और बढ़ जाती है।

डायबिटीज के रोगियों को अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। तरबूज में भारी मात्रा में नेचुरल शुगर होता है। ऐसे में अगर शुगर के मरीज तरबूज का ज्यादा सेवन करेंगे तो उनके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाएगी।

अस्थमा के मरीजों के लिए ज्यादा तरबूज का सेवन सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि असथमा में अमीना एसिड होता है। अगर रोगी ज्यादा तरबूज का सेवन करेंगे तो अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

किडनी की समस्या से घिरे लोगों को इसलिए तरबूज का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है।

तरबूज में इंजेक्शन

आजकल बाजार में मिलावटी तरबूज भी मिल रहा है।

तरबूज को मोटा और लाल बनाने के लिए कई हानिकारक चीजों का इस्तेमाल भी करते हैं। ऐसे तरबूजों के जरिए हानिकारक केमिकल शरीर में पहुंच सकते हैं।

इनमें ऑक्सिटॉक्सिन, सोडियम सैकरिन और सिन्थेटिक रंगों का इस्तेमाल शामिल है।

छिलके के अंदरूनी हिस्से का रंग हल्का सफेद या हरा-सा हो तो यह नैचरल तरीके से पका हुआ होगा। अगर वहां भी लाली दिखाई पड़े तो मान लेना चाहिए कि उसमें सिन्थेटिक रंग का इस्तेमाल किया गया है।

तरबूज के बीज भी गुणकारी
 
तरबूज के बीजों को छीलकर अंदर की गिरी खाने से शरीर में ताकत आती है। मस्तिष्क की कमजोर नसों को बल मिलता है, टखनों के पास की सूजन भी ठीक हो जाती है।  

बीजों की गिरी में मिश्री, सौंफ, बारीक पीसकर मिलाकर खाने से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास अच्छा होता है।

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शुद्ध देशी घी के गुण फायदे लाभ हींग और घी, गाय के घी के नुकसान Desi Ghee Labh

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घी पौष्टिक, रसायन, गरिष्ठ, स्निग्ध, शीतवीर्य और रूचिकारक होता है। इसमें वसा और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह पुष्टिदायक, बलकारक, आयुवर्द्धक तथा नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाला होता है।

देसी घी कैसे पहचानें

देसी नस्ल की गाय का घी या भेंस का शुद्ध असली घी दानेदार होता है। देसी घी में आलू, आरारोट और रिफाइंड भी मिलाया जाता है। इससे घी का स्वाद बदल जाता है।

शुद्ध देशी घी कैसे पहचानें

दस एमएल घी में कुछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं। थोड़ी देर बाद इसे मिलाएं, यदि घी का रंग लाल या गुलाबी हो जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट है।
घी में आलू मिला होने की जांच करने के लिए इसमें आयोडीन सोल्यूशन की थोड़ी-सी मात्रा डालें। घी का रंग नीला हो जाएगा। नीला रंग घी में स्टार्च की मात्रा को साबित करता है।

गाय के घी के नुकसान 

पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लीवर परिवर्तन के दौरान घी के इस्तेमाल से बचना सबसे अच्छा होता है।
ज़्यादा घी अपच और दस्त का कारण बन सकता है।
घी वजन बढ़ाता है इसलिए एक मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को प्रतिदिन 3 से 5 ग्राम घी तक का ही सेवन करना चाहिए और उसके बाद एक कप गर्म पानी पीना चाहिए। यदि घी को भोजन के साथ लेना है, तो घी के बेहतर पाचन के लिए भोजन गर्म होना चाहिए।  पेट का मोटापा कम करने के उपाय, एक्सरसाइज
सर्दी और कफ के दौरान घी का उपयोग करने से हालत और भी खराब हो सकती है।
अमिश्रित घी पित्त की स्थिति में नहीं लिया जाना चाहिए, ख़ासतौर से जब पित्त अमा से जुड़ा हो। इस हालत में लिया गया घी पीलिया उत्पन्न करता है और घातक साबित हो सकता है।
जब गर्भवती महिलाएं ठंड या अपच के साथ पीड़ित हों, तब घी लेने से बचें।

शुद्ध देशी घी के गुण फायदे लाभ

अगर घी खाने के बाद अपच या पेट का भारीपन लगे, तो एक कप गर्म पेय या कम वसा वाली छाछ का सेवन किया जा सकता है।
बिना फैट वाली छाछ घी के बुरे प्रभाव कम करती है।
देसी घी की मालिश से बाल जल्दी सफेद नहीं होते
घी में कैंसर रोधी गुण पाये जाते है। घी के नियमित सेवन से कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
घी विटामिन A को घोल लेता है जो आँखों के लिए बहुत अच्छा है। घी खाने से आँखों की रोशनी तेज रहती है।
देशी घी शरीर को ऊर्जावान बनाता है और रोगप्रतिरोधक छमता बढ़ती है।
घी का सेवन करने और सिर पर घी की मालिश करने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है।
घी और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और शक्तिशाली होता है।
सिर पर हल्के गरम घी की मालिश करें। गर्मी, ठंड या बादी के कारण होने वाला सिर दर्द दूर हो जाएगा।
अगर पित्ती उछलती हो और खुजली मचती हो तो घी की मालिश करने से काफी लाभ होता है।
धतूरे का विष शरीर में चढ़ जाने पर जितना संभव हो, गाय का घी पीना चाहिए। इससे विष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
पंच साल पुराने घी में हींग को अच्छी तरह घोटकर सूंघाने से चैथिया ज्वर नष्ट हो जाता है।
गरम दूध में घी मिलाकर पीने से आंतें मुलायम होती हैं और पुराना कब्ज भी दूर हो जाता है।
घी में देसी गुड़ डालकर आग पर रख दें। पिघलने पर सेवन करें। इससे श्वास तथा खांसी में आराम मिलता है।
दिल की नलियों में ब्लॉकेज हो तो घी लुब्रिकेंट का काम करता है।

डॉक्टरों के अनुसार, केवल वसा रहित भोजन अच्छे स्वस्थ्य की गारंटी नहीं है। महिलाओं को एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर में जमा वसा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

अपनी डायट में घी को शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी सब्ज़ियों को घी में बनाएं। यहां तक कि आप अपने खाने को घी में फ्राई भी कर सकते हैं क्योंकि इसका स्मोकिंग पॉइंट काफी अधिक होता है। आप इसे अपनी दाल में डाल सकते हैं या रोटी पर लगा सकते हैं।

तमाम फायदों के बावजूद पिछले कई साल में घी की लोकप्रियता घटी है और लोगों ने इसे खाना काफ़ी कम सा कर दिया है। जबकि घी मक्खन और तेल के मुकाबले काफ़ी कम नुकसानदेह होता है।

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खाली प्लास्टिक की बोतल का दोबारा उपयोग, घर की सजावट का सामान बनाना, बेकार सामान का उपयोग

प्लास्टिक बोतल का दोबारा उपयोग
सजावट का सामान बनाना
पुराने कपड़ों का उपयोग
घर की सजावट का सामान
बेकार सामान का उपयोग
प्लास्टिक का उपयोग
पुरानी साड़ी का उपयोग
प्लास्टिक के लाभ और हानि
प्लास्टिक के प्रकार

खाली प्लास्टिक की बोतल का उपयोग

हम सभी के घरों में ढेरों पुराना सामान बेकार पड़ा रहता है। जिसे हम आखिरी में या तो बाहर फेंक देते हैं या फिर कबाड़ वालें को बेंच देते हैं लेकिन दोस्‍तों आप चाहें तो अपने घर में पढ़ें पुराने सामान को फिर से प्रयोग कर सकते हैं। हम लोग अक्सर नया सामान खरीदने पर पुराने सामान को वेस्ट समझ कर कबाड़ में फैंक देते हैं।

जिन खाली बोतलों को आप बेकार समझ कर फेंक देते हैं उनका इस्तेमाल इस तरह भी कर के देंखे

  • कोल्डड्रिंक की खाली बोतल का दोबारा उपयोग किया जा सकता है। बोतल को काटकर पौधे उगाये जा सकते है।
  • फूल रखने के लिये अगर आपके पास फूल रखने के लिये वास न हो तब आप किसी भी प्लास्टिक की बोतल को बीच से काट कर उसे किसी भी ब्राइट रंग से पेंट कर दें। फिर उसमें पानी भर दें और उसमें फूल सजा लें।
  • बोतल को तिरछा काटकर स्क्रू से टाँगकर सामान रखा जा सकता है।
  • पेन स्टैंड आप बोतल को काट कर के पेन स्टैंड भी बना सकती हैं। इससे आपको पेन इधर उथर ढूंढने की जरुरत नहीं पडेगी।
  • सजावट का सामान बनाया जा सकता है।
  • आप पानी पीने के लिए प्लास्टिक के बोतल का उपयोग किया जा सकता है बोतल को अच्छी तरह धोकर सूखा लेना चाहिए।
  • बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतल से बिना बिजली वाला इको कूलर बना सकते है बोटलो को काटकर बोर्ड में फिट कर दे।  अब किसी खिड़की में बोर्ड को लगा दे तापमान कम से कम 5 डिग्री कम हो जाएगा।
  • प्लास्टिक बोतलो के उपयोग से कुछ भी बनाया जा सकता है।  कुछ देशों मे प्लास्टिक बोटलो से घरों की दीवार बनायीं जा रही है।
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सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करें, आईएएस कैसे बने पाठ्यक्रम, भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम प्रयास में सफल ना होने के प्रमुख कारण

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भारतीय प्रशासनिक अधिकारी

आज के इस दौर में हर कोई सरकारी नौकरी पाना चाहता है। सरकारी नौकरी कोई भी हो, उससे रिलेटेड एग्जाम में पास होने के लिए आपको खास तरह की तैयारी करनी होती है। ऐसे में तैयारी के मूल-मंत्र को गहराई से समझना हर विद्यार्थी के लिए बहुत ही जरूरी है।

हमने इस पिछले सालों के 50 से अधिक सफल उम्मीदवारों की प्रोफ़ाइल का विश्लेषण किया जिन्होने दूसरी या तीसरी बार में लक्ष्य को प्राप्त किया | अंततः हमे 10 सबसे प्रमुख कारण मिले , जो हम आपके साथ बाटने जा रहे है –

निरंतरता और स्थिरता का अभाव
ये जरुरी नहीं है कि आप रोजाना 10 से 12 घंटे का अध्ययन करें , अगर आप रोजाना 4 से 5 घंटे का भी प्रबंध कर ले तो ये पर्याप्त होगा| लेकिन अपनी निरंतरता को बनाये रखे |

प्रेलिम्स कि परीक्षा में बेतरतीब ढंग से विकल्प मत चुनिए
प्रेलिम्स के पेपर को टिक करते समय उन्ही उत्तरों को चुने जिनके बारे में आप जानते हो, मान्यताओं पे चलने से आपका नुकसान ही होगा |

मात्रात्मक (Quantitative) कौशल में कमजोरी
अकसर ये पाया जाता है कि अभ्यर्थी CSAT पेपर 1 पे ही अपना सारा ध्यान केन्द्रित कर देते है, और CSAT पेपर 2 पे खास धयान नहीं देते, और नतीजा भुगतना पड़ जाता है , थोडा ही सही अगर रोजाना आप दो से तीन घंटे ही अभ्यास कर ले तो प्रयाप्त होगा |

पढ़ाई के दौरान ब्रेक ना लेना
लम्बे समय तक पढना अच्छी बात है , लेकिन आपको बीच – बीच में छोटा ब्रेक लेना चाहिए, असल में हमारा दिमाग 45 मिनट से जयादा ढंग से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता| आपने देखा होगा कि स्कूल और विश्वविद्यालयों में 45 मिनट कि ही व्याख्यान/Period होती है , तो अगर आप लंबे सत्र के लिए बैठे है तो बिच में 10 से 15 का ब्रेक जरुर ले |

मिजाज और व्याकुलता प्रबंधन करने में सक्षम नहीं
कई बार ऐसा होता है कि गहन अध्ययन सत्र के बाद जब हम छोटा ब्रेक लेते है तो, कभी कभी वो बड़ा हो जाता है, लेकिन ऐसे समय में आपको अनुशासित और संतुलित रहने कि जरुरत है, जब भी आपका मन पढाई से उब जाये तो कुछ ऐसा करे जो आपको अच्छा लगता है | यह आपको संतुष्टि और खुशी दोनों प्रदान करेगा|

आत्मनिरीक्षण का अभाव
आपकी समस्याओं और कमजोरियों को आपसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता, तो आप इससे खुद से ही सुलझाने का प्रयास करे, बस आपको अपने अन्दर झाक के देखना है , बाकि रास्ता अपने आप ही बन जायेगा |

हर जगह से विशेषज्ञ सलाह लेना
यह समस्या अधिकांश उम्मीदवारों में पाया जाता है , आपको को कोई एक रणनीति, चुन लेनी है , जिसपे लगे कि आप चल सकते है , बस उसी को पकड़ ले फिर ऐसा ना हो कि बिच रस्ते में ही उसे छोड़ दिया और कोई नया तरीका ढूंड लिया | ऐसा करने से न सिर्फ आपका समय ही बर्बाद होता है , बल्कि आप मंजिल तक भी नहीं पहुच पाते|

जवाब लेखन का अभ्यास नहीं करना (Mains)
Mains में ना सिर्फ आपको लिखना है , बल्कि अच्छा भी लिखना है , जिसके लिए आपको रोजना इसकी प्रयास करने कि जरुरत है, संतुलित उत्तर लिखने कि कला निरंतर अभ्यास से ही मिल पाती है |

प्रोफाइल के बारे में असुरक्षा
असल में Prelims और Mains को clear करने के बाद , आपने अपने आपको को साबित कर दिया है , तो प्रोफाइल के बारे में सोचने से अब क्या फायदा , वो आपका अतीत था तो उसके लिए परेशान होना फिजूल ही चिंता करना है |

परिवार और दोस्तों से समर्थन नहीं मिलना
यह बाहरी समस्या है और जिसके लिए आप संघर्ष के अलावा कुछ नहीं कर सकते , सभी उम्मीदवारों कि आर्थिक पारिस्थि एकसमान नहीं होती , सभी को एक सामान महौल भी नहीं मिलता है , तो यह जरुरी हो जाता है कि आप अपने आप को मानसिक रूप से तैयार कर ले और आने वाली परिस्थियों का डटकर सामना करे |

हमने इस लेख में उन परेशानियों को जिक्र किया है जो इस बार के अधिकतर सफल उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी कि दौरान महसूश किया था | इसको पढने के बाद आप समझ सकते है कि आप कहा गलती कर रहे है , और कैसे उसमे सुधार किया जाये|

आईएएस की तैयारी कैसे करे - सफलता के मंत्र : यदि 2 या 3 साल में स्टूडेंट इस परीक्षा पर अच्छा फोकस बनाकर अच्छी तैयारी करने में कामयाबी हासिल कर सकता है | यह समय आईएएस की परीक्षा हेतु पर्याप्त माना जायेगा |
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भारतीय अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्न व उत्तर pdf, अर्थशास्त्र प्रश्नोत्तरी

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अर्थशास्त्र प्रश्न उत्तर जनरल नॉलेज

1)        भारत में करेन्सी नोट पर उसका मूल्य 17 भाषाओं में लिखा होता है।

2)        भारत में बीस रुपये एवं इससे उच्च मूल्य वर्ग के नोटों की छपार्इ 'बैंक नोट प्रेस, देवास' में होती है।

3)        भारत में एक रुपये के नोट पर वित्त मंत्रालय के सचिव के तथा अन्य नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं।

4)        भारत के राष्ट्रीय आय का सबसे मुख्य स्त्रोत कृषि है।

5)        भारत का केन्द्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया है। जिसका मुख्यालय मुम्बर्इ में है।

6)        अवमूल्यन का अर्थ है–मुद्रा का बाहरी मूल्य कम होना अर्थात एक मुद्रा इकार्इ के बदले में विदेश की पहले से कम मुद्रा का प्राप्त होना।

7)        आम नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सकरार ने 1 मर्इ, 2010 से 'न्यू पेंशन सिस्टम' योजना की है।

8)        अर्थशास्त्र के प्रमुख विभाग 5 हैं–उपभोग, उत्पादन विनिमय, वितरण और राजस्व।

9)        आधारित संरचना व उपस्कर के लिए उपलब्ध कराने वाली देश की सबसे बड़ी कम्पनी स्रेर्इ इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड लंदन स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कम्पनी है।

10)      भारत में बजट पद्धति का संस्थापक और जन्मदाता जेम्स विल्सन को माना जाता है।

11)      भारत में केन्द्र सरकार की कर-आय के दो सबसे बड़े स्रोत हैं–केन्द्रीय उत्पाद कर व तटकर।

12)      भारत में मुद्रास्फीति 'थोक मूल्य सूचकांक' द्वारा मापी जाती है।

13)      भारत में सकल घरेलू बचतों में घरेलू क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक है।

14)      राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) की स्थापना 1950 में की गर्इ थी।

15)      भारत की राष्ट्रीय आय में तृतीयक क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है।

16)      भारत में मान्यता प्राप्त स्टाक एक्सचेंजों की संख्या 24 है। उनमें से मुम्बर्इ स्टाक एक्सचेंज की स्थापना सर्वप्रथम हुर्इ थी।

17)      यूनाइटेड किंगडम देश के बहुराष्ट्रीय निगमों की भारत में सर्वाधिक भागीदारी है।

18)      पंचवर्षीय योजना के इतिहास में भारत की सर्वाधिक असफल योजना तृतीय योजना को कहा जाता है।

19)      सुप्रसिद्ध पुस्तक 'अर्थशास्त्र' के लेखक चाणक्य जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त से भी जाना जाता हैं।

20)      भारतीय बजट को 'मानसून का जुआ भी कहा जाता है, क्योंकि जिस वर्ष भी मानसून असफल हुआ है, देश में स्फीतिकारी लक्षण और समस्त विकास गतिविधियों में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है।

21)      देश की एक-तिहार्इ से भी अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे है।

22)      'इंडिया ब्राण्ड ​इक्विटी फण्ड' की स्थापना 1996 में हुर्इ थी।

23)      भारत सरकार के 1996-97 वर्ष के बजट में न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) का समावेश किया गया था।

24)      भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का वार्षिक बिक्री की दृष्टि से सबसे बड़ा उपक्रम इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड है।

25)      स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया भारतीय बैंक की भारत में सर्वाधिक शाखाएँ तथा बैंक ऑफ बड़ौदा भारतीय बैंक की विदेशी में सर्वाधिक शाखाएँ हैं।

26)      स्वतंत्र भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया बैंक का राष्ट्रीयकरण सबसे पहले किया गया था।

27)      भारतीय रिजर्व बैंक में कोर्इ भी व्यक्ति अपना व्यक्तिगत खाता नहीं खोला सकता है।

28)      'तेजडि़या' व 'मंदडि़या' शब्द शेयर बाजार से सम्बन्धित हैं।

29)      भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केन्द्रीय सांखियकीय संगठन द्वारा की जाती है।

30)      अर्थशास्त्र का जनक एडम सिमथ को कहा जाता है।
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शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत जानकारी, करियर शेयर ब्रोकर कैसे बने

शेयर बाजार में इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण शब्द

शेयर बाजार क्या होता है
शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत
शेयर बाजार की जानकारी
शेयर बाजार live
शेयर मार्केट टिप्स
शेयर बाजार में करियर
शेयर ब्रोकर कैसे बने
शेयर कैसे खरीदते है
शेयरों से लाभ कैसे कमायें
शेयर मार्केट गाइड

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड वी के शर्मा का कहना है कि इक्विटी मार्केट में जब चाहे निवेश किया या निकाला जा सकता है। पिछले 5 सालों में सेंसेक्स का औसत सालाना रिटर्न 17.4 फीसदी रहा है।

भारत में मुख्य स्टॉक एक्सचेंज : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है

NSE भी मुंबई में है और इसकी स्थापना 1992 में हुई थी

शेयर ब्रोकर आपकी जिन्दगी में एक अहम आदमी होता है जो आपके निवेश उद्देश्य को पाने में मदद करता है। वह उचित सलाह देने, इससे जुड़े नियम-कानून के अनुपालन और अच्छी सेवा देने में सक्षम होना चाहिए।

सामान्य लोगों की जानकारी के लिए शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाले मुख्य शब्द इस प्रकार हैं

1. इक्विटी शेयर (Equity Share): इक्विटी शेयर वे अंश है जिन्हें कंपनी से मताधिकार प्राप्त होता है| ये अंशधारी ही धारित अंशों के अनुपात में ही कंपनी के स्वामित्वधारी होते हैं| इन्हें लाभांश वितरण में कोई वयीयता प्राप्त नही होती है

2. वरीयता अंश (Preference Share): ये वे शेयर धारक होते हैं जिन्हें लाभांश वितरण में वरीयता दी जाती है| लाभ बाँटने के बाद यदि कुछ लाभांश बचता है तो उसे इक्विटी शेयर धारकों में बांटा जाता है| वरीयता अंश के शेयर धारकों को कंपनी में मताधिकार प्राप्त नही होता है |

3. इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO): इसका सम्बन्ध प्राइमरी बाजार से है जिसमे नयी कंपनियों के अंश बाजार में जारी किये जाते हैं| इस विधि के माध्यम से कम्पनियाँ बाजार से पैसा जुटा कर अपनी आगे की वित्तीय योजनाओं को बनाती है|

4. फालो पब्लिक ऑफर: जब कोई भी नयी कंपनी अपनी अधिकृत पूँजी की उगाही शेयरों के निर्गमन के द्वारा प्राथमिक बाजार से करती है तो इसे FPO कहते हैं|
5. ब्लू चिप कंपनी (Blue Chip Company): यह एक ऐसी कंपनी होती है जिसके शेयरों को खरीदना बेहद सुरक्षित माना जाता है। इस कंपनी के शेयरों को खरीदने वाला निवेशक जोखिम रहित लाभ प्राप्त करता है |

6. इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading): इसका मतलब एक ऐसी सूचना से होता है जो कि एक कंपनी की कार्य प्रणाली से जुडी होती है जिसमे कम्पनी की भावी योजनाओं में बारे में जानकारी होती है | यदि यह सूचना कंपनी के किसी उच्च अधिकारी (कंपनी के निदेशकों और उच्च स्तरीय अधिकारियों) के माध्यम से सार्वजनिक हो जाती है तो उस कंपनी के शेयरों के दाम अप्रत्याशित रूप से ऊपर या नीचे होते हैं |

7. वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper): यह एक असुरक्षित वचन-पत्र (Promissory Note) होता है जो कि एक वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है| इसको जारी करने का मुख्य उद्येश्य अल्पकालीन वित्तीय जरूरतों को पूरा करना होता है |

8. बोनस इश्यू (Bonus Issue):इस प्रकार के शेयर बोनस, उन शेयर धारकों को फ्री में उस अनुपात में दिए जाते हैं जिनके उनके पास उस कंपनी के शेयर पहले से ही होते हैं | ऐसे शेयरों को लाभांश शेयर भी कहते हैं |

भारतीय बजट से जुडी शब्दावली

9.  तेजड़िया (Bull): तेजड़िया  उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी करता है और इसी खरीदारी के कारण शेयर बाजार ऊपर की ओर जाता है| यह निवेशक बाजार के बारे में सकारात्मक रुख रखता है क्योंकि वह यह सोचता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम ऊपर चढ़ेंगे|

10. मंदड़िया(Bear): मंदड़िया उस निवेशक को कहा जाता है जो कि अपने खरीदे गए शेयरों को बेचता क्योंकि उसको लगता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम बाजार में गिरेंगे| इसलिए वह अपने शेयरों को बेच देता है और कई लोगों के द्वारा ऐसा करने पर बाजार नीचे की ओर गिरता है |

11. लाभांश (Dividend): यह कंपनी द्वारा अपने शेयर धारकों को दिया जाने वाला लाभ का हिस्सा होता है| लाभ का यह हिस्सा कंपनी अपने सभी शेयर धारकों को उनके शेयरों की संख्या के अनुपात में बांटती है| जिसके पास जितने अधिक शेयर, उसको उतना अधिक लाभांश मिलता है|

12. हॉट मनी (Hot Money): यह वह निवेश मनी होती है जो कि अधिक लाभ की तरह भागती है| इस प्रकार की निवेश मनी बाजार में बहुत ही कम स्थिर होती है इसी कारण इसे हॉट मनी कहते हैं|

13. जंक बांड(Junk Bond): जंक बांड वे बांड है जिनकी रेटिंग नीची हो परन्तु उन पर प्राप्त होने वाले रिटर्न(लाभ) की दर ऊंची हो |

14. कर्ब ट्रेडिंग(Kerb Trading): स्टॉक एक्सचेंज मार्किट की बिल्डिंग के बाहर, स्टॉक एक्सचेंज के ही समय में या उसके बाद प्रतिभूतियों में अवैध ट्रेडिंग को कर्ब ट्रेडिंग कहते हैं |

15. स्टैग (Stag): ऐसे लोग जो प्राइमरी मार्किट में पैसा लगाना पसंद करते है सेकेंडरी मार्किट में नही,  स्टैग कहलाते हैं | ये लोग बहुत कम जोखिम उठाते हैं |

16. अल्फ़ा शेयर : इन्हें ग्रुप A  का शेयर भी कहा जाता है| ये ऐसे स्टॉक हैं जिनके क्रय विक्रय में बाधा नही होती है |

17. राइट इशू (Right Issue): जब शेयर या प्रतिभूति के आबंटन में वर्तमान शेयर धारकों को प्राथमिकता दी जाये तो इस प्रकार के निर्गमित शेयर को राइट इशू कहते हैं| वर्तमान शेयर धारकों को इन शेयरों को खरीदने के लिए रुपये देने पड़ते हैं अर्थात ये शेयर, बोनस शेयर की तरह कीमत रहित नही होते हैं |

18. स्नो बालिंग प्रभाव: जब शेयर के मूल्य में थोड़ी बृद्धि से शेयर क्रय के कारण या किसी अन्य कारण कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो जाये कि शेयरों का मूल्य बढ़ता ही जाये और इतना अधिक बढ़ जाये कि क्रय विक्रय पर स्टॉप आर्डर आने लगे तो इसे स्नो बालिंग कहते हैं |

19. शोर्ट सेलिंग (Short Selling): जब किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा उससे अधिक स्टॉक के विक्रय का सौदा किया जाता जितना उसके पास है या जितना कहीं से लेकर पूर्ती कर सकता है| यह क्रिया बिलकुल गैर-कानूनी है |

20. लार्ज कैप कम्पनियाँ (Large Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक हो |

21. मिड कैप कम्पनियाँ (Mid Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये से कम पर 2500 करोड़ से अधिक हो |

22. स्माल कैप कम्पनियाँ (Small Cap Companies): ये वे कम्पनियां होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 2500 करोड़ रुपये से कम हो |

23. पौंजी स्कीम (Ponzy Schemes): ये वे फर्जी कम्पनियाँ होती हैं जो कि लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न की गारंटी देकर निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जातीं हैl ऐसी कंपनियों का सरकार के पास कोई भी रिकॉर्ड नही होता है |

इक्विटी मार्केट में कैसे करें निवेश की शुरुआत और कैसे बनाएं अपना मजबूत पोर्टफोलियो आइए जानते हैं मार्केट एक्सपर्ट निपुण मेहता, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड वी के शर्मा और बीएसई के सीईओ आशीष चौहान की सलाह

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आप को यह ध्यान देना होगा कि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए कितना समय दे सकते है उसी हिसाब से आपको अपनी ट्रेडिंग करनी चाहिए।

शुरुआत में आपको इंट्राडे नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बहुत ज्यादा रिस्की होता है. कल्पना करें कि आप सुबह 9:00 बजे से शाम के 4:00 बजे तक व्यस्त हैं तो आप कमोडिटी मार्केट में ट्रेड कर सकते है

एक बजट तैयार करें कि शेयर बाजार में शुरुआती चरण में कितना पैसा लगाना है। पहले छोटी रकम से शुरुआत करें।

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खेती से करोड़पति कैसे बने, पैसे कैसे कमाए, खेती से अधिक मुनाफा कमाई

 खेती से करोड़पति कैसे बने कमाई, खेती से पैसे कैसे कमाए, खेती से अधिक मुनाफा कमाने वाली फसल

अधिक मुनाफा कमाने वाली फसल
तुलसी की खेती की विधि
आर्टीमीशिया की खेती
खेती से करोड़पति कैसे बने
आधुनिक खेती के तरीके
पिपरमेंट की खेती
लिलियम फूल की खेती
खेती से लखपति
खेती से कमाई

खेती से पैसे कैसे कमाए
पॉलीहाउस खेती
आधुनिक खेती के तरीके
लिलियम फूल की खेती
खेती से लाभ
खेती से संबंधित
पाली हाउस कैसे बनाये

किसान आधुनिक तकनीक से खेती करके अधिक मुनाफ़ा कमा सकते है।

किसान भाई लिखी गयी तकनीक और विधि का प्रयोग करें।

पॉलीहाउस लगाकर सब्जी की खेती करें।

पॉली हाउस में खीरा लगाकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। पॉलीहाउस में खीरा लगाने के फायदे।
1. पॉली हाउस में तैयार खीरा बीज रहित होता है।
2. पॉली हाउस में पैदा इनका खीरा स्वाद में कभी खारा नहीं होता।
3.  अधिक उत्पादन

स्ट्रॉबेरी की खेती

अनार की खेती : अनार का पौधा मात्र 3 से 5 साल के अंदर बहुत ही अच्छी क्वालिटी के फल देने लगता है ।

औषधीय पौधों की खेती : एक साथ अधिक मुनाफे के लिए जड़ी बूटी की खेती की जा सकती है।

तुलसी की खेती : तुलसी का तेल निकालकर बहुत अच्छे दाम पर बिकता है।

आर्टीमीशिया की खेती

लिलियम फूल की खेती

जैविक खेती : जैविक खेती में खाद और फर्टिलाइजर का खर्चा बहुत कम होता है जबकि पैदावार बहुत अच्छी होती है।
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मौसम आधारित फसल बीमा योजना मुआवजा राशि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना pdf, फसल बर्बाद बीमा कब तक मिलेगा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मुआवजा राशि की जानकारी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना pdf
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फार्म राजस्थान
किसान दुर्घटना बीमा योजना
फसल बर्बाद
मौसम आधारित फसल बीमा योजना

मौसम आधारित फसल बीमा योजना
मुआवजा राशि
फसल बीमा कब तक मिलेगा

फसल बीमा करने वाली बीमा कंपनिया (कंपनी का नाम, पता)

एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी इंडिया लिमिटेड
13 वीं मंजिल, 14 केजी मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
http://www.aicofindia.com/AICEng/Pages/Product_Profile/Present_NAIS.aspx

आई सी आई सी आई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हाउस,414, सिद्धि विनायक मंदिर के पास सावरकर मार्ग, वीर प्रभादेवी , मुंबई
https://www.icicilombard.com/rural-insurance/weather.html

इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
4 और 5 फर्श, इफको टॉवर, प्लॉट नं .3, सेक्टर 29, गुड़गांव (हरियाणा)
http://www.iffcotokio.co.in

रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
570, रॉयल औद्योगिक एस्टेट के लिए अगला Naigaum क्रॉस रोड, वडाला (पश्चिम), मुंबई
http://www.reliancegeneral.co.in

रॉयल सुंदरम एलायंस
रॉयल सुंदरम एलायंस इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड "सुंदरम टावर्स" 45-46, गोरे रोड, Royapetah चेन्नै
http://www.royalsundaram.in/

टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
प्रायद्वीप बिजनेस पार्क टॉवर, 15 वीं मंजिल, जीपी मार्ग, लोअर परेल, मुंबई, भारत    टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
http://www.tataaiginsurance.in/

चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
"डेयर हाउस" 2 तल, नई संख्या 2 (ओल्ड नं 234) एनएससी बोस रोड, चेन्नई
http://www.cholainsurance.com/rural-insurance.aspx

एचडीएफसी फलस्वरूप जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
6 मंजिल, लीला बिजनेस पार्क, अंधेरी कुर्ला रोड,अंधेरी (पूर्व), मुंबई
http://www.hdfcergo.com/rural-insurance/RainfallIndex.html

भविष्य जेनराल्ली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
इंडियाबुल्स फाइनेंस सेंटर टावर 3,6 मंजिल, सेनापति बापट मार्ग, एल्फिंस्टन रोड (पश्चिम),मुंबई
http://www.futuregenerali.in

एल टी जनरल इंश्योरेंस कंपनी
सिटी 2, प्लॉट No.177, सीएसटी रोड, कलिना, लिमिटेड सांताक्रुज (पूर्व), मुंबई
http://www.ltinsurance.com
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की ब्याज दर नियम, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा, मुद्रा योजना के अंतरगत कौन लोन ले सकता है?, मुद्रा योजना का विस्तृत अर्थ

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 मुद्रा योजना के अंतरगत कौन लोन ले सकता है?

 मुद्रा योजना का विस्तृत अर्थ “माइक्रो यूनिट डेवलोपमेंट री-फाइनेंस एजेंसी” (Micro Units Development Refinance Agency) होता है, जिसे संक्षिप्त नाम MUDRA YOJANA दिया गया है|
 Website – Www॰mudra.org.in (ताज़ा update / information प्राप्त करने के लिये)
E-Mail – help@mudra.org.in. ( इस योजना के बारे मे किसी भी प्रकार की information के लिये)
National Helpline Numbers For प्रधान मंत्री मुद्रा योजना Call – 1800 180 1111 call – 1800 11 0001

 इसके तहत 3 तरह के लोन की व्यवस्था है।

 शिशु लोन - 50 हजार रुपए तक
किशोर लोन- 50 हजार 1 रुपए से 5 लाख तक।
तरुण लोन- 5 हजार 1 रुपए से 10 लाख तक।

 फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज इस लोन पर फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इसके लिए 1 साल से लेकर 7 साल तक की किश्त करा सकते हैं।

 मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है

1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा। 8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।
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धनवान बनने के गुप्त रहस्य तरीके, अमीर कैसे बने, करोड़पति बनने के टोटके

धनवान बनने के गुप्त रहस्य, तरीके, करोड़पति बनने के टोटके, अमीर आदमी कैसे बने

धनवान बनने के गुप्त रहस्य
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करोड़पति बनने के उपाय
धनवान बनने के गुप्त रहस्य
अमीर कैसे बने
धनवान बनने का मंत्र
गरीब से अमीर कैसे बने
तेजी से धनी बनने के तरीके
अमीर लोग क्या सोचते हैं
अमीर बनने का तरीका
कैसे बनें लड़कियों की पसंद
अमीर आदमी कैसे बने
करोड़पति बनने के टोटके

आम आदमी सोचता है की लोग किस्मत से अमीर बन जाते है लेकिन ऐसा नहीं है।

अमीर बनने वाले लोग केवल किस्मत के सहारे नहीं रहते वो अपना कार्य योजनाबद्ध तरीके से लगातार करते रहते है। अमीर बनने के लिए इन आदतों पर फोकस करें तो फायदा हो सकता है।

1. अपने लक्ष्य को निर्धारित करके लक्ष्य पर फोकस करें।  लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत करते रहें।
2. जिस क्षेत्र में आपने विशेष योग्यता ले रखी है उस क्षेत्र में अपना विशेष ध्यान लगाये। जिस क्षेत्र में आपको अनुभव काम आएगा।
3. आप जो भी कमाये उसमें से बचत जरूर करें। आप की बचत के पैसे से आप बिज़नेस खड़ा कर सकते है।
4. अगर आपको कमाने या बिज़नेस खड़ा करने का कोई भी मौका मिले तो पूरी जी-जान लगा कर मेहनत करें। कोई मौका गवाये नहीं
5. कोई भी काम भाग्य भरोसे नहीं छोड़े अति जल्दी एक्शन लेकर काम समय से पूरा करे।
6. कोई काम करने में संकोच नहीं करें।
7. पैसों को मैनेज करना सीखो पैसा मैनेज करना सिखने के बाद आप पैसा कमा सकते है और उसका सही उपयोग भी कर सकते है।
8. काम वो करिये जिसमे आगे चलकर असीमित पैसा कमाने का मौका हो।
9. गरीब लोग कड़ी मेहनत करते हैं और अपना सारा पैसा खर्च कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि उन्हें हमेशा कड़ी मेहनत करनी होती है। अमीर लोग कड़ी मेहनत करते हैं, बचत करते हैं और अपने पैसे का निवेश कर देते हैं ताकि उन्हें दोबारा मेहनत न करनी पड़े।
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