चाय और खाने के पैसे जेब से देते हैं मोदी, RTI का ख़ुलासा : कोई सरकारी फ़ोन नहीं


हम आपसे पूछते हैं  क्या आप सप्ताह में कम से कम एक छुट्टी भी लेते हैं ? हममें से ज़्यादातर लोगों का जवाब होगा हाँ लेनी ही पड़ती है रोज़ तो काम नहीं कर सकते ना । लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि
26 मई 2014 को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद से मोदी जी ने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है। इतना ही नहीं, वह दिन में कम से कम 16 घंटे काम में लगे रहते हैं ।

ध्यान रखिएगा कि ये सब बातें हम अपनी मर्ज़ी से बिलकुल नहीं कह रहे हैं बल्कि इन बातों का खुलासा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO ) ने सूचना का अधिकार (आर.टी.आई.) के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में किया है । ये कोई बनी बनायी या सुनी सुनायी बात नहीं है ।

RTI  के तहत ये पूछा गया था कि पिछले 10 साल के समय में बने भारत के प्रधानमंत्रियों ने कितने दिन के आकस्मिक अवकाश और कितने दिन के रुग्णावकाश लिए हैं पर PMO ने जो जवाब दिया उसमें केवल मोदी जी के बारे में ही बताया गया, उसमें मनमोहन सिंह जी का कोई DATA नहीं मिल पाया। PMO के जवाब में कहा गया कि पीएम मोदी ने अभी तक किसी तरह की कोई छुट्टी नहीं ली है । बता दें कि RTI में यह भी पूछा गया था कि क्या PM मोदी का काम करने का कोई खास वक्त है तो उसका जवाब ये आया कि वह हर वक्त काम पर रहते हैं ।

ग़ौरतलब हो कि RTI के तहत दिए गए जवाब ओफ़्फ़िसियल काग़ज़ात होते हैं कोई केजरीवाल टाइप आदमी ये ना सोचे कि PMO तो मोदी का ही है वो तो कुछ भी बोल सकते हैं  ।

अन्य सवाल के जवाब में PMO ने बताया कि सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाले मोदी जी अपने निजी ट्विटर और फेसबुक खाते खुद ही चलाते हैं। लेकिन उनके आधिकारिक सोशल मीडिया के पेज और अकाउंट  ख़ुद PMO देखता है। पूछने वाले ने ये भी पूछा था कि प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक खाते कौन -कौन से अधिकारी संभालते हैं और उन्हें इस बात का कितना वेतन मिलता है। जवाब मिला कि कोई खास अधिकारी की नियुक्ति इसके लिए नहीं है और विभिन्न अधिकारी उन खातों को अपडेट करते रहते हैं। लेकिन PMO ने यह नहीं बताया कि जापानी, चीनी, रूसी और कोरियाई जैसी विदेशी भाषाओं में फटाफट ट्वीट करने में मोदी जी की मदद कौन करता है । ये भी हो सकता है कि इसके लिए PMO और मोदी जी GOOGLE TRANSLATER की मदद लेते हों !

और सुनिए सबसे चोकने वाली बात ये है कि पीएमओ ने जैसा बताया उसके अनुसार –  प्रधानमंत्री और उनके अधिकारी 34 एमबीपीएस रफ्तार वाला इंटरनेट और वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं लेकिन अगर आपको लगता है कि प्रधानमंत्री को सरकारी मोबाइल फोन मिला है तो आप गलत हैं। PMO के मुताबिक मोदी जी के पास कोई सरकारी मोबाइल फोन नहीं है लेकिन उनके इंटरनैट का खर्च उनके फोन बिल का हिस्सा है और उसका अलग से कोई भी ब्योरा नहीं रखा जाता ।

यही नहीं आरटीआई के तहत यह भी पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए जो रसोई गैस, सब्जियां और मसाले इस्तेमाल होते हैं, उन पर कितना खर्च होता है। जवाब में PMO ने कहा, ‘ रसोई के खर्च प्रधानमंत्री मोदी स्वयं उठाते हैं और ये उनके व्यक्तिगत खर्च होते हैं और वे सरकार के खाते से इसके लिए एक रुपया भी नहीं लेते। इन सबके बात हम भी एक बात देश के नेताओं और Hindutva info के पाठकों के समक्ष रखना चाहते हैं क्या और कोई नेता ऐसा कर सकता है या करता है ?

आम आदमी का ढोंग करने वाले लोग अपनी मनमानी तनख़्वाह बढ़ा लेते हैं , ममता बनर्जी जैसे नेताओं की पेंटिग दो करोड़ में बिकती है और राहुल गांधी की तो बात ही छोड़ दो । मोदी जी ने बचपन से देश के ख़ातिर घर छोड़ दिया था , वे PM हैं और चाहें तो दूसरों की तरह अपनी ख़ुद की खाँसी ठीक करवाने , विप्शना के लिए सरकारी ख़ज़ाने से पैसा ले सकते हैं पर वे तो उनको ख़ुद को मिले सारे देसी विदेशी गिफ़्ट भी नीलाम करकेदेश सेवा में लगा देते हैं और ऐसा वे तब से करते हैं जब पहली बार गुजरात के CM बने थे। ऐसे हैं अपने मोदी जी ।

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