प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नियम ब्याज दर, मुद्रा योजना के अंतरगत कौन लोन ले सकता है?, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना form, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की ब्याज दर, मुद्रा योजना के नियम, मुद्रा लोन योजना, मुद्रा लोन ऑनलाइन अप्लाई, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना pdf, पंतप्रधान मुद्रा योजना कागदपत्रे, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना फॉर्म, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना pdf, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा, मुद्रा कार्ड, मुद्रा योजना के नियम,
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना form, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की ब्याज दर, मुद्रा योजना के नियम, मुद्रा लोन योजना, मुद्रा लोन ऑनलाइन अप्लाई, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना pdf, पंतप्रधान मुद्रा योजना कागदपत्रे, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना फॉर्म, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना pdf, मुद्रा लोन कैसे मिलेगा, मुद्रा कार्ड, मुद्रा योजना के नियम,
मुद्रा योजना के अंतरगत कौन लोन ले सकता है?
मुद्रा योजना का विस्तृत अर्थ “माइक्रो यूनिट डेवलोपमेंट री-फाइनेंस एजेंसी” (Micro Units Development Refinance Agency) होता है, जिसे संक्षिप्त नाम MUDRA YOJANA दिया गया है|
Website – Www॰mudra.org.in (ताज़ा update / information प्राप्त करने के लिये)
E-Mail – help@mudra.org.in. ( इस योजना के बारे मे किसी भी प्रकार की information के लिये)
National Helpline Numbers For प्रधान मंत्री मुद्रा योजना Call – 1800 180 1111 call – 1800 11 0001
इसके तहत 3 तरह के लोन की व्यवस्था है।
शिशु लोन - 50 हजार रुपए तक
किशोर लोन- 50 हजार 1 रुपए से 5 लाख तक।
तरुण लोन- 5 हजार 1 रुपए से 10 लाख तक।
फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज इस लोन पर फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इसके लिए 1 साल से लेकर 7 साल तक की किश्त करा सकते हैं।
मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है
1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा। 8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।
मुद्रा योजना का विस्तृत अर्थ “माइक्रो यूनिट डेवलोपमेंट री-फाइनेंस एजेंसी” (Micro Units Development Refinance Agency) होता है, जिसे संक्षिप्त नाम MUDRA YOJANA दिया गया है|
Website – Www॰mudra.org.in (ताज़ा update / information प्राप्त करने के लिये)
E-Mail – help@mudra.org.in. ( इस योजना के बारे मे किसी भी प्रकार की information के लिये)
National Helpline Numbers For प्रधान मंत्री मुद्रा योजना Call – 1800 180 1111 call – 1800 11 0001
इसके तहत 3 तरह के लोन की व्यवस्था है।
शिशु लोन - 50 हजार रुपए तक
किशोर लोन- 50 हजार 1 रुपए से 5 लाख तक।
तरुण लोन- 5 हजार 1 रुपए से 10 लाख तक।
फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज इस लोन पर फ्लैट 10 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इसके लिए 1 साल से लेकर 7 साल तक की किश्त करा सकते हैं।
मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है
1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा। 8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।
0 comments:
Post a Comment