घी खाने के नुकसान, घी के गुण, देशी घी की पहचान, घी की मालिश, दूध में घी, गाय के घी के लाभ, घी और शहद, देशी घी के फायदे, भैंस का घी, गाय के घी के लाभ, घी के नुकसान, घी खाने के लाभ, भैंस के घी के फायदे, भैंस के दूध के फायदे, गाय के घी के फायदे, भैंस के दूध के नुकसान, गाय का दूध के फायदे
देशी घी की पहचान, गाय के घी के लाभ, घी बनाने की विधि, शुद्ध देशी घी, घी के गुण, हींग और घी के फायदे, घी मालिश
घी पौष्टिक, रसायन, गरिष्ठ, स्निग्ध, शीतवीर्य और रूचिकारक होता है। इसमें वसा और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह पुष्टिदायक, बलकारक, आयुवर्द्धक तथा नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाला होता है।
देसी घी कैसे पहचानें
देसी नस्ल की गाय का घी या भेंस का शुद्ध असली घी दानेदार होता है। देसी घी में आलू, आरारोट और रिफाइंड भी मिलाया जाता है। इससे घी का स्वाद बदल जाता है।
शुद्ध देशी घी कैसे पहचानें
दस एमएल घी में कुछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं। थोड़ी देर बाद इसे मिलाएं, यदि घी का रंग लाल या गुलाबी हो जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट है।
घी में आलू मिला होने की जांच करने के लिए इसमें आयोडीन सोल्यूशन की थोड़ी-सी मात्रा डालें। घी का रंग नीला हो जाएगा। नीला रंग घी में स्टार्च की मात्रा को साबित करता है।
गाय के घी के नुकसान
पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लीवर परिवर्तन के दौरान घी के इस्तेमाल से बचना सबसे अच्छा होता है।
ज़्यादा घी अपच और दस्त का कारण बन सकता है।
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घी पौष्टिक, रसायन, गरिष्ठ, स्निग्ध, शीतवीर्य और रूचिकारक होता है। इसमें वसा और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह पुष्टिदायक, बलकारक, आयुवर्द्धक तथा नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाला होता है।
देसी घी कैसे पहचानें
देसी नस्ल की गाय का घी या भेंस का शुद्ध असली घी दानेदार होता है। देसी घी में आलू, आरारोट और रिफाइंड भी मिलाया जाता है। इससे घी का स्वाद बदल जाता है।
शुद्ध देशी घी कैसे पहचानें
दस एमएल घी में कुछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं। थोड़ी देर बाद इसे मिलाएं, यदि घी का रंग लाल या गुलाबी हो जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट है।
घी में आलू मिला होने की जांच करने के लिए इसमें आयोडीन सोल्यूशन की थोड़ी-सी मात्रा डालें। घी का रंग नीला हो जाएगा। नीला रंग घी में स्टार्च की मात्रा को साबित करता है।
गाय के घी के नुकसान
पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लीवर परिवर्तन के दौरान घी के इस्तेमाल से बचना सबसे अच्छा होता है।
ज़्यादा घी अपच और दस्त का कारण बन सकता है।
घी वजन बढ़ाता है इसलिए एक मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को प्रतिदिन 3 से 5 ग्राम घी तक का ही सेवन करना चाहिए और उसके बाद एक कप गर्म पानी पीना चाहिए। यदि घी को भोजन के साथ लेना है, तो घी के बेहतर पाचन के लिए भोजन गर्म होना चाहिए। पेट का मोटापा कम करने के उपाय, एक्सरसाइज
सर्दी और कफ के दौरान घी का उपयोग करने से हालत और भी खराब हो सकती है।
अमिश्रित घी पित्त की स्थिति में नहीं लिया जाना चाहिए, ख़ासतौर से जब पित्त अमा से जुड़ा हो। इस हालत में लिया गया घी पीलिया उत्पन्न करता है और घातक साबित हो सकता है।
जब गर्भवती महिलाएं ठंड या अपच के साथ पीड़ित हों, तब घी लेने से बचें।
शुद्ध देशी घी के गुण फायदे लाभ
अगर घी खाने के बाद अपच या पेट का भारीपन लगे, तो एक कप गर्म पेय या कम वसा वाली छाछ का सेवन किया जा सकता है।
बिना फैट वाली छाछ घी के बुरे प्रभाव कम करती है।
देसी घी की मालिश से बाल जल्दी सफेद नहीं होते
घी में कैंसर रोधी गुण पाये जाते है। घी के नियमित सेवन से कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
घी विटामिन A को घोल लेता है जो आँखों के लिए बहुत अच्छा है। घी खाने से आँखों की रोशनी तेज रहती है।
देशी घी शरीर को ऊर्जावान बनाता है और रोगप्रतिरोधक छमता बढ़ती है।
घी का सेवन करने और सिर पर घी की मालिश करने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है।
घी और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और शक्तिशाली होता है।
सिर पर हल्के गरम घी की मालिश करें। गर्मी, ठंड या बादी के कारण होने वाला सिर दर्द दूर हो जाएगा।
अगर पित्ती उछलती हो और खुजली मचती हो तो घी की मालिश करने से काफी लाभ होता है।
धतूरे का विष शरीर में चढ़ जाने पर जितना संभव हो, गाय का घी पीना चाहिए। इससे विष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
पंच साल पुराने घी में हींग को अच्छी तरह घोटकर सूंघाने से चैथिया ज्वर नष्ट हो जाता है।
गरम दूध में घी मिलाकर पीने से आंतें मुलायम होती हैं और पुराना कब्ज भी दूर हो जाता है।
घी में देसी गुड़ डालकर आग पर रख दें। पिघलने पर सेवन करें। इससे श्वास तथा खांसी में आराम मिलता है।
दिल की नलियों में ब्लॉकेज हो तो घी लुब्रिकेंट का काम करता है।
डॉक्टरों के अनुसार, केवल वसा रहित भोजन अच्छे स्वस्थ्य की गारंटी नहीं है। महिलाओं को एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर में जमा वसा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
अपनी डायट में घी को शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी सब्ज़ियों को घी में बनाएं। यहां तक कि आप अपने खाने को घी में फ्राई भी कर सकते हैं क्योंकि इसका स्मोकिंग पॉइंट काफी अधिक होता है। आप इसे अपनी दाल में डाल सकते हैं या रोटी पर लगा सकते हैं।
तमाम फायदों के बावजूद पिछले कई साल में घी की लोकप्रियता घटी है और लोगों ने इसे खाना काफ़ी कम सा कर दिया है। जबकि घी मक्खन और तेल के मुकाबले काफ़ी कम नुकसानदेह होता है।
Mobile Number for Desi Ghee (Home Made at Village) :+91-9887027265
सर्दी और कफ के दौरान घी का उपयोग करने से हालत और भी खराब हो सकती है।
अमिश्रित घी पित्त की स्थिति में नहीं लिया जाना चाहिए, ख़ासतौर से जब पित्त अमा से जुड़ा हो। इस हालत में लिया गया घी पीलिया उत्पन्न करता है और घातक साबित हो सकता है।
जब गर्भवती महिलाएं ठंड या अपच के साथ पीड़ित हों, तब घी लेने से बचें।
शुद्ध देशी घी के गुण फायदे लाभ
अगर घी खाने के बाद अपच या पेट का भारीपन लगे, तो एक कप गर्म पेय या कम वसा वाली छाछ का सेवन किया जा सकता है।
बिना फैट वाली छाछ घी के बुरे प्रभाव कम करती है।
देसी घी की मालिश से बाल जल्दी सफेद नहीं होते
घी में कैंसर रोधी गुण पाये जाते है। घी के नियमित सेवन से कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
घी विटामिन A को घोल लेता है जो आँखों के लिए बहुत अच्छा है। घी खाने से आँखों की रोशनी तेज रहती है।
देशी घी शरीर को ऊर्जावान बनाता है और रोगप्रतिरोधक छमता बढ़ती है।
घी का सेवन करने और सिर पर घी की मालिश करने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है।
घी और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और शक्तिशाली होता है।
सिर पर हल्के गरम घी की मालिश करें। गर्मी, ठंड या बादी के कारण होने वाला सिर दर्द दूर हो जाएगा।
अगर पित्ती उछलती हो और खुजली मचती हो तो घी की मालिश करने से काफी लाभ होता है।
धतूरे का विष शरीर में चढ़ जाने पर जितना संभव हो, गाय का घी पीना चाहिए। इससे विष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
पंच साल पुराने घी में हींग को अच्छी तरह घोटकर सूंघाने से चैथिया ज्वर नष्ट हो जाता है।
गरम दूध में घी मिलाकर पीने से आंतें मुलायम होती हैं और पुराना कब्ज भी दूर हो जाता है।
घी में देसी गुड़ डालकर आग पर रख दें। पिघलने पर सेवन करें। इससे श्वास तथा खांसी में आराम मिलता है।
दिल की नलियों में ब्लॉकेज हो तो घी लुब्रिकेंट का काम करता है।
डॉक्टरों के अनुसार, केवल वसा रहित भोजन अच्छे स्वस्थ्य की गारंटी नहीं है। महिलाओं को एक्सरसाइज के माध्यम से शरीर में जमा वसा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
अपनी डायट में घी को शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी सब्ज़ियों को घी में बनाएं। यहां तक कि आप अपने खाने को घी में फ्राई भी कर सकते हैं क्योंकि इसका स्मोकिंग पॉइंट काफी अधिक होता है। आप इसे अपनी दाल में डाल सकते हैं या रोटी पर लगा सकते हैं।
तमाम फायदों के बावजूद पिछले कई साल में घी की लोकप्रियता घटी है और लोगों ने इसे खाना काफ़ी कम सा कर दिया है। जबकि घी मक्खन और तेल के मुकाबले काफ़ी कम नुकसानदेह होता है।
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